Petrol Price: कच्चा तेल 16.75 रुपये हुआ सस्ता, जाने फिर भी घट क्यों नहीं रहा पेट्रोल- डीजल का दाम
नई दिल्ली :- देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. आरोप है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तब तो डायनैमिक प्राइसिंग (Dynamic Pricing) की बात करके देश में भी दाम बढ़ा दिया जाता है, लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें घट जाती हैं, तो दाम घटाए क्यों नहीं जाते? दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में Petrol- डीजल के रेट में 16 रुपये 75 पैसे प्रति लीटर तक की भारी कमी आई है, लेकिन मोदी सरकार देश के लोगों को इसका फायदा नहीं दे रही है. कांग्रेस पार्टी की तरफ से ये तमाम दलीलें पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रेस क़ॉन्फ्रेंस में पेश की है.
मोदी सरकार की हुई बोलती बंद
कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तमाम आंकड़े पेश करते हुए Petrol डीजल की कीमतों के मसले पर मोदी सरकार की बोलती बंद कर दी है. उन्होंने कहा है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों के मामले में मोदी सरकार की नीति कुछ ऐसी है, जिससे कच्चा तेल महंगा होने पर तो उसका बोझ देश के लोग उठाते हैं, लेकिन जब कच्चा तेल सस्ता होता है, तो उन्हें फायदा दिया ही नहीं जाता.
मोदी सरकार से किये कई सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पेट्रोल डीजल की कीमतों के मामले में मोदी सरकार की नीतियों पर कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा है :
- डायनमिक प्राइसिंग में कीमतें कम क्यों नहीं होतीं?
- PSUs के अलावा किन निजी कंपनियों ने किस भाव से रूस से कच्चा तेल खरीदा?
- कच्चे तेल में गिरावट, फिर फायदा लोगों को क्यों नहीं?
- कच्चे तेल का दाम 16.75 रु./लीटर घटा, ईंधन सस्ता क्यों नहीं हुआ?
कांग्रेस प्रवक्ता ने गिना दिए आंकड़े
बता दें कि आर्थिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा कि मोदी सरकार ने मई 2022 में कच्चा तेल 53.45 रुपये प्रति लीटर के भाव से खरीदा था. लेकिन दाम घटने की वजह से मार्च 2023 में उसे एक लीटर कच्चे तेल के लिए 36.68 रुपये का ही भुगतान करना पड़ा. इस हिसाब से कच्चे तेल की कीमतों में 16.75 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है. लेकिन कीमतों में इस गिरावट का फायदा देश के आम लोगों को क्यों नहीं दिया जा रहा है?