पेट्रोल- डीजल की कीमतों में हो सकती है बड़ी कटौती, 2 संकेत और 4 वजहों से जाने कब और कितने घटेंगे दाम
नई दिल्ली :- भारत में महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इसीलिए सरकार महंगाई पर काबू पाने के लिए जल्द ही Petrol और डीजल पर टैक्स में छूट दे सकती है. 15 फरवरी को प्रकाशित न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है की टैक्स में छूट देने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट आएगी.
क्या है दो संकेत और 4 वजह
भास्कर एक्सप्लेनर मैं हम दो संकेत और 4 वजहों के जरिए बता रहे हैं की पेट्रोल डीजल की कीमत में कब, क्यों और कितनी कटौती की जा सकती है ?
संकेत 1: सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट
हाल ही जारी हुए एक न्यूज़ एजेंसी की Report से पता लगा है कि पेट्रोल डीजल की कीमतों में कटौती हो सकती है. इसमें यह भी दावा किया गया है कि सरकार जल्द ही महंगाई पर काबू पाने के लिए पेट्रोल डीजल पर एक्साइज Duty कम कर सकती है. पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की सलाह आरबीआई द्वारा केंद्र सरकार को दी गई थी. इस सलाह का उद्देश्य महंगाई पर काबू पाना है.
हालांकि फरवरी महीने के कंजूमर प्राइस इंडेक्स जारी होने के बाद ही पेट्रोल डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी पर कटौती करने की संभावना जताई गई है. इसका मतलब यह है कि अगर कटौती होगी तो वह अगले महीने से शुरू होगी. रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक और सरकार के करीबी सूत्रों से पता लगा है कि दूध, मक्का, सोया तेल और पेट्रोलियम पदार्थों पर भी आयात शुल्क में कटौती होने की संभावना दर्शाई गई है.
संकेत 2 : सरकार ने विंड फाल Tax घटाया
16 फरवरी 2023 से भारत की केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों से लिए जाने वाले एक्स्ट्रा विंड फॉल टेक्स को घटाने का फैसला लिया था. अब तक कंपनियां डीजल पर 7.5 प्रति लीटर तक विंड फॉल टेक्स देती थी, लेकिन आप यह राशि घटाकर ढाई रुपए कर दी गई है. इस तरह प्रति टन क्रूड ऑयल पर लगने वाला विंड फॉल टैक्स ₹5050 से घटकर केवल ₹4350 रह गया है.
एनर्जी एक्सपोर्ट्स नरेंद्र तनेजा ने कहा है कि देश में तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों से विंड फॉल टैक्स लिए जाते हैं. सरकार द्वारा यह टेक्स कंपनियों के मुनाफे बढ़ने के कारण लगाया गया था. अब सरकार इसे धीरे-धीरे खत्म करने की कोशिश कर रही है. ऐसे में यह सही समय है जब तेल कंपनियां डीजल की कीमत घटा सकती हैं.
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है कि अब यह मौका सही है. जब सरकार आसानी से तेल की कीमतों में ₹2 से लेकर ₹3 प्रति लीटर तक दाम कम कर सकती है. ऐसा करने से न ही तो सरकार और ना ही तेल कंपनियों को ज्यादा नुकसान होगा. वहीं कुछ इंडिपेंडेंट सोर्स पेट्रोल डीजल के रेट ₹7 तक भी कम किए जाने की संभावना है. इसके पीछे चार बड़ी वजह बताई गई है.
वजह 1 : महंगाई कम करने का दबाव
जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.52% तक पहुंच गई थी. यह अक्टूबर के बाद से इन 3 महीनों में सबसे ज्यादा है. आरबीआई ने इस महीने खुदरा महंगाई दर सबसे ज्यादा 6% तक रहने की संभावना जताई थी. परंतु सरकार द्वारा बनाई गई यह लिमिट भी टूट गई है.
इसके बाद महंगाई पर काबू करने के लिए रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है जिसमें कहा गया है कि तेलों पर एक्साइज ड्यूटी कम करने से हम महंगाई को कम कर सकते हैं. नरेंद्र तनेजा का कहना है कि केंद्र और राज्य चाहे तो आसानी से एक्साइज और VAT टैक्स में कुछ छूट कर सकते हैं.
वजह 2 : रूस से सस्ता तेल खरीद रही है भारत की कंपनियां
2022 दिसंबर में भारत द्वारा सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल खरीदा गया था. भारतीय तेल कंपनियों ने यह क्रूड ऑयल रूस से खरीदा था. इससे पहले अक्टूबर और नवंबर में भी रूस से ही सबसे ज्यादा तेल भारत में आया था. एनर्जी कार्गो Tracker वोरटेक्सा के अनुसार दिसंबर में भारत ने हर दिन लगभग 1190000 बैरल क्रूड ऑयल रूस से लिया था. इससे 1 साल पहले की बात करें तो दिसंबर 2021 में भारत में प्रतिदिन 36255 बैरल तेल रूस द्वारा खरीदा था. यानी कि 1 साल के अंदर तेल की खरीद करीबन 32 गुना तक बढ़ गई थी.
भारत अब अपनी जरूरत का 25% तेल रूस से लेती है. मार्च 2022 तक भारत ने रूस से बहुत ही कम हिस्सा खरीदा था. लेकिन अप्रैल से स्थिति बदलना शुरू हो गई थी. अक्टूबर में रूस ने भारत को तेल बेचने के मामले में सऊदी अरब और इराक को भी पीछे छोड़ दिया था.
अगर हम दिसंबर 2022 में इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की बात करें तो तब क्रूड ऑयल की कीमत $70 प्रति बैरल थी. वहीं फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि Russ करीब $60 प्रति बैरल के हिसाब से भारत को तेल बेच रहा था.
वजह 3 : तेल कंपनियां कमा रही हैं पेट्रोल पर ₹10 तक का मुनाफा
6 जनवरी 2023 को आईसीआईसीआई सिक्योरिटी रिपोर्ट के मुताबिक तेल कंपनियां प्रति लीटर पेट्रोल पर ₹10 तक का मुनाफा कमा रही है. वहीं Diesel की बिक्री पर कंपनियां 6. 5 लीटर तक नुकसान झेल रही हैं. हालांकि इस समय कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है. मार्च 2022 में कच्चे तेल की कीमत $140 प्रति बैरल थी. वही 17 फरवरी 2023 यानी शुक्रवार के दिन तेल की कीमत घटकर $76 प्रति बैरल रह गई थी. देखा जाए तो इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन यानी IOCL, भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी BPCL और हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी HPCL ने पिछले 16 महीनों से पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई भी कटौती नहीं की है.
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा है कि तेल कंपनियां PETROL के साथ-साथ डीजल की पर भी मुनाफा कमा रही हैं. यही कारण है कि तेल कंपनियों पर पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को देखकर इनकी कीमतों को कम करने के लिए काफी दबाव डाला जा रहा है ऐसे में तेल की कीमत कम करने का यह सबसे सही समय है.
वजह 4 : चुनावी साल है, 10 राज्य में विधानसभा चुनाव
2023 में देश के 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव होने वाले हैं. फरवरी और मार्च में पूर्वोत्तर के 3 राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में इस साल के चुनाव शुरू हो रहे हैं.
वहीं अप्रैल-मई में दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है. साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में भी चुनाव कराए जा सकते हैं. इसी वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को घटाकर वोटर्स को राहत देने की कोशिश की जा रही है.
एक्सपोर्ट का कहना है कि अब तक तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे क्रूड का हवाला देते हुए पेट्रोल और डीजल दोनों की बिक्री पर ही अपना नुकसान दिखा रही थी. लेकिन हकीकत यह है कि पेट्रोल पर करीब ₹10 प्रति लीटर का सर प्लस कंपनियों को दिया जा रहा है.
इसी वजह से आम आदमी के लिए भी पेट्रोल डीजल की कीमतें कम करने का दबाव कंपनियों पर बढ़ रहा है. पेट्रोल के दाम में जल्द ही कमी की जा सकती है.