Mughal Harem में जाने के नाम से कांपती थीं महिलाएं, नाम सुनते ही हो जाता था बुरा हाल
नॉलेज डेस्क :- कुछ लोग इतिहास को जानने में बहुत रुचि रखते हैं इसमें कोई शक नहीं है कि जो इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं उन्होंने Mughal Harem के बारे में नहीं पढ़ा हो. मुगलकालीन शासकों ने कई सालों तक शासन किया जिसके चलते मुगलों ने अपनी जीवनशैली को काफी हद तक बदल दिया था. वैसे तो बड़े-बड़े इतिहासकारों ने उनके बारे में बहुत कुछ लिखा है. जब भी कोई पुरानी ऐतिहासिक इमारत को देखते हैं तो उनके साथ मुगलकालीन समय को या फिर उनके द्वारा जारी किए हुए कट्टर फरमानों के लिए उन्हें याद किया जाता है. लेकिन उस समय की उनकी जीवनशैली में हरम को लेकर जानने की दिलचस्पी लोगों में आज भी है. आइए जानते हैं हरम के बारे में.
हरम में रहती थीं राजा की बहुत खास महिलाएं
हरम का चलन भी मुगलों द्वारा ही शुरू किया गया. यहां केवल उन्हीं महिलाओं को रखा जाता था जो राजा की बहुत खास होती थी. हरम में एक से एक खूबसूरत महिलाएं होती थी जिनको एक साथ हरम में रखा जाता था. इन महिलाओं के लिए यहां से बाहर निकलना वर्जित था. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखा जाता था. यहां बादशाह के अलावा किसी दूसरे शख्स को आने की अनुमति नहीं होती थी. यहां सभी महिलाओं को विशेष रुप से सम्मान दिया जाता था और उनका खास ख्याल रखा जाता था. उस समय राजा को जो भी महिला पसंद आ जाती थी उसे हरम में लाया जाता था और राजा उसी महिला के साथ रात बिताना पसंद करता था.
क्यों था महिलाओं को हरम में जाने का डर
अकबर के शासन काल में भी हरम का विशेष चलन था. सुना जाता है कि अकबर के हरम में 5000 के लगभग महिलाएं रहती थी. यह महिलाएं सभी जाति, धर्म, संप्रदाय और अलग-अलग देशों से ताल्लुक रखती थी. इनमें कुछ हिंदू महिलाएं भी होती थी. इन सभी महिलाओं को खास पर्दे में रखा जाता था और इन्हें एक दूसरे से बात करने तक की इजाजत नहीं दी जाती थी. ऐसा माना जाता है कि राजा जिस महिला के साथ संबंध बना लेता था तो उसके बाद उसका बाहर निकलना संभव नहीं था फिर उनकी लाश ही बाहर निकलती थी. यही कारण था कि महिलाएं हरम में जाने से खौफ खाती थी. वह यह जानती थीं कि यहां आने के बाद शायद वह जिंदा ना रहें.