Semiconductor: सेमीकंडक्टर का सिरमौर बनने की राह पर भारत, यहाँ लगने वाला है पहला प्लांट, क्या है ये और क्या होगा फायदा? जानिए सबकुछ
नई दिल्ली :- दिल्ली के टेक सेक्टर से लेकर ऑटो इंडस्ट्री तक काफी सारे लोगों को सेमीकंडक्टर की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन जल्द ही यह Problem दूर होने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान तीन प्रमुख अमीर सेमीकंडक्टर कंपनी ने एमओयू पर साइन करके भारत में निवेश करने की घोषणा की है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है अब से भारत को इलेक्ट्रॉनिक सामानों का केंद्र बनने के अपने सपने को साकार करने में बड़ी मदद मिलेगी. पहले भारत चीन और ताइवान पर सेमीकंडक्टर के लिए ज्यादा निर्भरता था.
कहां-कहां इस्तेमाल होता है सेमीकंडक्टर
सेमीकंडक्टर आम तौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं और इनका इस्तेमाल कंप्यूटर मोबाइल इलेक्ट्रिक गैजेट्स और लक्जरी वाहन में किया जाता है. ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करने में भी काम आता है. ज्यादा कारों में हाईटेक फीचर्स को शामिल किया जाता है और इन फीचर्स में भी सेमीकंडक्टर Use होते हैं. ऑटोमोबाइल Market में फिलहाल जितनी भी महंगी कार हैं उन सब में भी इसका इस्तेमाल होता है. इनका इस्तेमाल करंट को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है. इनके बिना कारो की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में आई कमी
दुनिया भर में 2020 के बाद सेमीकंडक्टर की Supply में काफी कमी हुई है. क्योंकि लगभग सभी आधुनिक उपकरणों और Electronic उपकरणों में इसका इस्तेमाल होता है. इसलिए कई उद्योग मजबूत उपभोक्ता मांग की आपूर्ति को पूरा नहीं कर पा रहे हैं.