Onion Mandi Rate: प्याज की कीमतों में आई भारी गिरावट, किसान 1 रूपए किलो के भाव से बेचने को हुए मजबूर
महाराष्ट्र, Onion Mandi Rate :- दिन प्रतिदिन महंगाई इतनी बढ़ती जा रही है कि खाद्य पदार्थों के दाम भी आसमान पर पहुंच गए हैं. इसी बीच एक राहत की खबर मिली है. काफी समय से प्याज के दाम भी आसमान पर पहुंच चुके थे. परंतु इस बार प्याज की पैदावार काफी अच्छी हुई है, जिस वजह से प्याज का Rate थोक भाव में काफी गिर गया है. आइए जानते हैं क्या है प्याज का थोक भाव.
प्याज के दाम में आई भारी गिरावट
पूरे भारत देश में महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन होता है. इस बार यहां पर प्याज की पैदावार काफी अच्छी हुई है, जिस वजह से प्याज का रेट काफी गिर गया है. एक ओर जहां दाल और बाकी सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ प्याज के दामों में गिरावट आई है. पिछले 5 साल के मुकाबले इस बार प्याज का दाम सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. इस बार खुदरा मार्केट में प्याज का दाम 15 से ₹20 किलो है. आने वाले दिनों में भी प्याज की कीमतों में उछाल आने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि इस बार मार्केट में Demand से ज्यादा प्याज की Supply हो रही है. ज्यादा पैदावार होने की वजह से व्यापारी कम Price पर प्याज बेच रहे हैं.
किसानों को हो रहा है नुकसान
महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में प्याज की काफी अच्छी पैदावार हुई है परंतु बेमौसम बारिश होने की वजह से किसानों को डर है कि कहीं उनका प्याज खराब ना हो जाए. इसी वजह से किसान जल्दबाजी में बहुत कम कीमत पर प्याज को बाजार में बेच रहे हैं. एक्सपोर्ट का कहना है कि बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि होने के कारण प्याज में नमी आ गई है. नमी की वजह से किसान को डर है कि कहीं सारा प्याज खराब न हो जाए. इसी वजह से वह प्याज को बेचने के लिए बड़ी संख्या में एपीएमसी मंडी आ रहे हैं. अचानक से मंडियों में प्याज का Stock बढ़ गया है जिस वजह से कीमतों में काफी गिरावट आ गई है. इस बार किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है.
व्यापारियों ने ₹2 किलो खरीदा प्याज
इस बार महाराष्ट्र में प्याज की पैदावार अच्छी हुई है. इस वजह से थोक रेट में काफी गिरावट आई है. किसानों से व्यापारियों ने ₹2 किलो तक प्याज खरीदा है. फरवरी महीने में ₹200 प्रति क्विंटल प्याज खरीदा गया था. काफी किसानों का कहना है कि प्याज बेचने के बाद गाड़ी किराया और लेबर चार्ज हटाने के बाद उन्हें बिल्कुल भी मुनाफा नहीं हुआ, बल्कि जेब से ही पैसे देने पड़े. इसी वजह से कई किसानों ने कम भाव होने की वजह से सड़कों पर प्याज फेंक दिया था.
बेमौसम बारिश से हुई परेशानी
सोलापुर के एक किसान का कहना है कि उन्होंने फरवरी के महीने में 512 किलो प्याज बेचे थे. उनसे व्यापारियों ने ₹1 किलो के हिसाब से प्याज खरीदा था. ट्रांसपोर्ट का खर्चा और लेबर का खर्चा देने के बाद उन्हें सिर्फ ₹2 ही बचे थे. किसानों को तब लग रहा था शायद मार्च तक प्याज की कीमतों में तेजी आ जाएगी. लेकिन फिर से बेमौसम बरसात ने उनकी परेशानियों को बढ़ा दिया.