Rajasthan News: पिता ने जिंदा बेटी का रखा मृत्युभोज, शोक पत्रिका छपवाकर पूरे गांव को दिया न्योता; पहचानने से भी किया इनकार
भीलवाड़ा :- भीलवाड़ा जिले के रतनपुरा गांव में एक बेटी ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली. जिसके कारण उसके पिता इतने अधिक नाराज हो गए कि उन्होंने अपनी जीवित बेटी का मृत्युभोज रख लिया और शोक पत्रिका छपवा कर बांटनी शुरू कर दी है.
बेटी से आहत हुए पिता ने बेटी की छपवाई शोक पत्रिका
जानकारी के मुताबिक, रतनपुरा गांव के परिवार की लड़की ने पड़ोसी गांव दांथल के रहने वाले एक लड़के से Love Marriage कर ली. वह लड़का लड़की के परिवार को बिल्कुल भी पसंद नहीं था. लड़की द्वारा लिए गए इस निर्णय से उसके पिता को इतना अधिक दुख पहुंचा हैं कि उन्होंने अपनी बेटी की शौक पत्रिका प्रकाशित ही नहीं करवाई बल्कि बांटनी भी शुरू कर दी है. साथ ही यह भी बता दें कि उन्होंने आगामी 13 जून को मृत्यु भोज के लिए लोगों को अपने घर पर आमंत्रित किया है.
घर वालों के खिलाफ जाकर रचाया प्रेम विवाह
इस पूरे मामले में मंगरोप थानाधिकारी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि इस मामले की हमें कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है लेकिन जानकारी प्राप्त हुई है कि रतनपुरा गांव के एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी का रिश्ता दांथल गांव के उसी युवक से तय कर रखा था जिसके साथ उनकी बेटी ने प्रेम विवाह रचा लिया है. रिश्ता होने से पहले दोनों परिवारों के बीच में कुछ आपसी अनबन हो गयी थी और कुछ महीने पहले ही लड़की के घरवालों ने उसका रिश्ता तोड़ कर कांदा गांव के एक अन्य युवक के साथ तय कर दिया था.
17 मई से लापता बेटी की मां ने दर्ज कराई रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक, 17 मई को उनकी बेटी के लापता होने पर यह पूरा मामला हमीरगढ़ थाने में बेटी की मां ने दर्ज कराया था. पुलिस उसकी खोजबीन कर ही रही थी कि इसी बीच 1 जून को लापता युवती अपने पति के साथ पुलिस के पास पहुंच गई और उसने अपने बालिग होने के Documents थाने में पेश कर दिए. जिनके अनुसार वह 27 मई को बालिग हो चुकी है. उसके बाद उन दोनों ने 1 जून को आर्य समाज पद्धति से अपना प्रेम विवाह रचा लिया था.
माता-पिता को किया पहचानने से इनकार
लड़की ने पुलिस थाने जाकर अपने पति के साथ रहने की इच्छा प्रस्तुत की. पुलिस द्वारा लड़की के माता-पिता को थाने में बुलाया गया लेकिन लड़की ने अपने माता-पिता को पहचानने तक से इनकार कर दिया. इसके बाद युवती को उसके पति के साथ जाने दिया गया.