UP सरकार के इस फैसले से किसानों की होगी बल्ले- बल्ले, एक्सप्रेस वे बनने से इन सात जगह की प्रॉपर्टी में आएगा बूम
उत्तर प्रदेश :- UP सरकार दो एक्सप्रेस वे के किनारे सात नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को बनाने जा रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेस और बुलंद खंड एक्सप्रेसवे के साथ बनने वाले इन नए Industrial Corridor से न केवल उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि साथ ही जिन जगहों पर यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनेंगे वहां की जमीन की कीमतों में भी काफी उछाल आएगा. इन नए कोरिडोर में से दो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बुलंद खंड एक्सप्रेस वे के किनारे बनाए जाएंगे, वहीं पांच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर Purvanchal Express Way के पास बनेंगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
जल्द बनने जा रहे हैं उत्तर प्रदेश में 7 नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गई थी. जहां पर औद्योगिक विकास विभाग ने इन सात नए कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा था. मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को जांच करने के बाद हरी झंडी दे दी है. यूपी सरकार इन सभी कॉरिडोर का निर्माण जल्द कर सकती है. इसके निर्माण के शुरुआत में 35 सौ करोड रुपए का खर्च आएगा. हर कॉरिडोर के लिए सरकार ने ₹500 करोड़ का इंतजाम किया है. वही हर गलियारे के लिए प्रारंभिक चरण में 900 एकड़ जमीन अधिकृत की जाएगी. इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास और विस्तार के लिए Industrial Development Authority से अधिक से अधिक जमीन का इंतजाम करने को कहा गया है.
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बनेंगे 5 कॉरिडोर
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लखनऊ से गाजीपुर बना हुआ है. इसके किनारे बनने वाले इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए पांच जगहों को चिन्हित किया गया है. इन जगहों में लखनऊ में कासिमपुर विरूहा, बाराबंकी में बम्हरौली, सुल्तानपुर में कारेबान, आजमगढ़ में खुदचंदा व गाजीपुर में चकजमरिया शामिल है. इन 5 जगहों में सबसे पहले लखनऊ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाया जाएगा. क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा सुविधा उपलब्ध है.
बुलंद खंड एक्सप्रेसवे पर बनेंगे दो कॉरिडोर
Buland Khand Expressway के पास भी दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे. इनमें से पहला कॉरिडोर जालौन में और दूसरा बांदा में बनाया जाएगा. यह कॉरिडोर बुलंद खंड में पहले से बने हुए डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से अलग होंगे. यहां पर इन कोरिडोर के लिए गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे उपयुक्त स्थलों को चिन्हित किया गया है.