UP News: दिव्यांगों के लिए सरकार का बड़ा ऐलान, मिलेंगे निशुल्क कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण
मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश :- उत्तर प्रदेश (UP News) के मिर्जापुर जनपद में रहने वाले दिव्यांगजनों के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है. उनकी समस्या के निवारण के लिए जिले में कवायद की शुरुआत होने वाली है. यहां पर रहने वाले दिव्यांगों की पहचान करने के बाद कृत्रिम अंगों का वितरण किया जाएगा. विभाग की तरफ से ऐसे लोगों को कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण मुफ्त में दिए जाएंगे. इसके लिए उनको विभाग में आवेदन करना पड़ेगा. उसके बाद उनको यह सामग्री जांच में पात्रता के आधार पर निशुल्क दी जाएगी.
मुफ्त में सहायक उपकरण सौंपे जाने का लक्ष्य
मिर्जापुर के जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी राजेश सोनकर से यह जानकारी मिली है कि सभी दिव्यांग जनों को मुफ्त में सहायक उपकरण सौंपे जाने का Target तय किया गया है. जिनके पास 40% या उससे ज्यादा का दिव्यांगता प्रमाण पत्र है उनको ट्राईसाईकिल, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, वैशाखी तथा मानसिक दिव्यांग जनों और नेत्रहीन बच्चों को स्मार्टफोन, कृत्रिम पैर एवं हाथ, किट आदि देकर उनकी जिंदगी को और सरल बनाने की कोशिश की जाएगी.
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का फायदा उठाने के लिए दिव्यांग जन घर बैठकर ही अपने फोन, लैपटॉप या आसपास किसी जन सेवा केंद्र के जरिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए https://divyangjanup.upsdc.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा. आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पोर्टल पर दिव्यांगता प्रमाण पत्र, पहचान प्रमाण पत्र, रंगीन फोटो, तहसील द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, जाति व निवास प्रमाण पत्र और उपकरण के लिए चिकित्सा अधिकारी से संस्तुति का प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा.
आवेदन करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
मिर्जापुर के जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी राजेश सोनकर ने यह जानकारी दी है कि आवेदक को पिछले 3 सालों में कैसे भी उपकरण का फायदा नहीं प्राप्त होना चाहिए. आवेदक की दिव्यांगता 40% से ज्यादा होनी चाहिए. ग्रामीण इलाके में रहने वाले आवेदक का ₹46,000 वार्षिक और शहरी इलाके में ₹56,000 वार्षिक से कम का आय प्रमाण पत्र होना जरूरी है. इस योजना का फायदा उठाने के लिए आवेदन करते वक्त मांगे गए सारे रिकॉर्ड अपलोड करने होंगे. इसके अलावा इसकी हार्ड कॉपी जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी के कार्यालय में या ब्लॉक में जमा करना अनिवार्य है.