UP News: नोएडा में 16 फैक्ट्रियां हुई सील, एक झटके में हजारों के लिए पैदा हुआ रोजगार का संकट
नोएडा :- कोई भी फैक्ट्री लगाने से पहले Pollution के लिए License लेना पड़ता है. अगर लाइसेंस नहीं लिया जाता है तो उन फैक्ट्रियों को शासन द्वारा सील कर दिया जाता है. ऐसा ही कुछ नोएडा में हुआ है. नोएडा में प्रदूषण फैलाने वाली 16 फैक्ट्रियों को Seal कर दिया गया है. यह फैक्ट्रियां बहलोलपुर गांव में हिंडन नदी के किनारे चल रही थी. इन सभी फैक्ट्रियों से Polluted Water को बिना साफ किए ही नदी में डाला जा रहा था. इस वजह से शासन ने इन Factory पर कार्रवाई की है.
16 अवैध फैक्ट्रियों को किया गया सील
नोएडा के बहलोलपुर गांव में काफी सारी फैक्ट्रियां सरकार की आंखों में धूल डालकर चलाई जा रही थी. इन फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी हिंडन नदी में डाला जा रहा था. Regional Pollution Control Board द्वारा इन सभी अवैध फैक्ट्रियों पर कार्यवाही की गई है. Report से पता लगा है कि बोर्ड ने मौके पर ही 16 अवैध फैक्ट्रियों को सील कर दिया है. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार का कहना है कि उनके पास मंगलवार को इन फैक्ट्रियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी. इसके बाद जल्द से जल्द इन फैक्ट्रियों पर एक्शन लिया गया और बुधवार की सुबह 5 बजे ही सभी फैक्ट्रियों की बिजली कनेक्शन काट दिए गए, फिर सभी फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया.
अवैध फैक्ट्रियों को भी किया जाएगा सील
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी का कहना है कि गांव में जितनी भी अवैध फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं उन सब को भी जल्द से जल्द सील किया जाएगा. साथ ही उन सभी फैक्ट्रियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा और सब पर कानूनी कार्रवाई भी होगी. जो भी अवैध फैक्ट्रियां चला रहे हैं या तो वह स्वयं अपनी फैक्ट्रियों को बंद कर दें नहीं तो विभाग द्वारा फैक्ट्रियों को सील किया जाएगा.
फैक्ट्रियां कर रही थी नदी को दूषित
फैक्ट्रियों से निकलने वाले रंग- बिरंगे जहरीले पानी को सीधा बिना ट्रीट किए नदी में बहाया जा रहा था. इसकी शिकायत प्रदूषण विभाग को की गई थी, जिसके बाद मंगलवार को कलेक्ट्रेट में डीएम के साथ एक बैठक की गई. मीटिंग में डीएम ने मामले को गंभीरता से देखा और प्रदूषण विभाग को Action लेने के लिए निर्देश जारी किए. प्रदूषण विभाग ने इन फैक्ट्रियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की. विभाग ने बताया कि बहलोल पुर में लगभग 50 ऐसी इंडस्ट्री है. लेकिन नदी के किनारे ऐसी 16 इंडस्ट्रिया थी, जिनको अब सील कर दिया गया है. फैक्ट्री के दूषित पानी की वजह से यमुना का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा था. इसीलिए फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करना बहुत जरूरी था.