Jewar Airport Metro: योगी सरकार का मास्टर प्लान हुआ तैयार, अब सिर्फ आधे घंटे में पहुंच सकेंगे जेवर एयरपोर्ट से नई दिल्ली
नई दिल्ली :- दिल्ली NCR को अगले वर्ष का एक और इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात मिल जाएगी. बता दें कि ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनाया जा रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सितंबर 2024 तक शुरू कर दिया जाएगा लेकिन यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार यह चाह रही है कि नोएडा एयरपोर्ट और दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच की दूरी 1 घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकें तथा नई दिल्ली से शुरू होने वाली Airport Express Line तक लोग 30 मिनट में ही पहुंच सकें.
दोनों एयरपोर्ट के बीच में स्थापित की जाएगी Multimodal Connectivity
जानकारी के मुताबिक, जेवर एयरपोर्ट को डिवेलप करने के लिए एग्रीमेंट हुआ था. उसमें यह बात भी सम्मिलित की गई थी कि एयरपोर्ट बनाने वाली कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एजी, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण उत्तर प्रदेश सरकार इन सभी को मिलकर दोनों एयरपोर्ट के बीच में Multimodal Connectivity स्थापित करानी है.
नई हाई स्पीड मेट्रो रेल लाइन डेवलप करने की बनाई गई योजना
यूपी सरकार की चाहत के अनुसार दोनों एयरपोर्ट के बीच की दूरी 1 घंटे से कम में पूरा करने के लिए नई हाई स्पीड मेट्रो रेल लाइन डेवलप करने की योजना बनाई गई है. यह मेट्रो लाइन 72 किलोमीटर लंबी होगी. बता दें कि इसमें से जेवर एयरपोर्ट से नॉलेज पार्क-2 के बीच 35.64 किलोमीटर लंबे मेट्रो ट्रैक के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है तथा नॉलेज पार्क से नई दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन स्टेशन तक 36.36 किलोमीटर के DPR और Funding Pattern पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने छह स्टेशन बनाने की राय दी
बता दें कि दिल्ली मेट्रो द्वारा इस New Metro Line पर पहले 12 स्टेशन बनाने का निर्णय लिया था लेकिन यूपी सरकार का कहना है कि इससे ट्रैक पर मेट्रो स्पीड कम होगी और सफर में अधिक समय लग जाएगा तथा उत्तर प्रदेश सरकार यह चाहती है कि जेवर एयरपोर्ट से नई दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन स्टेशन की दूरी आधे घंटे में ही पूरी कर ली जाए. इसीलिए उन्होंने छह स्टेशन बनाने की राय दी है.
नई मेट्रो लाइन का विकास करने के लिए 13,000 करोड रुपए की आवश्यकता
सूत्रों के मुताबिक, नई मेट्रो लाइन का विकास करने के लिए 13,000 करोड रुपए के फंड की जरूरत है. इसे लेकर ही 14 जून को एक हाई लेवल मीटिंग की जा रही है. जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव D. S. Mishra करेंगे. इस बैठक में स्टेशनों की संख्या, मेट्रो की फंडिंग और Timeline को लेकर निर्णय लिए जा सकते हैं.