Uttrakhand News: इंजीनियरिंग के छात्रों का धमाल, महज 80 हजार में बना डाली बिजली से चलने वाली कार
पिथौरागढ़, उत्तराखंड :- भारत में आजकल बिजली से चलने वाली इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में काफी मुनाफा हो रहा है. इलेक्ट्रिक कारों के जरिए पेट्रोल और डीजल की खपत तो बचती ही है साथ में पर्यावरण के प्रदूषण में भी कटौती होती है. पिथौरागढ़ जिले के सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों ने इसी से प्रेरणा लेते हुए एक इलेक्ट्रिक कार बनाई है जिसको बैटरी के जरिए चलाया जाता है. इस कार को आप एक बार फुल चार्ज करने के बाद 5 घंटे तक आसानी से चला सकते हैं.
100 किलो तक का वजन उठा सकती है यह इलेक्ट्रिक कार
सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रिक ब्रांच के विद्यार्थियों ने कार के इस शुरुआती मॉडल को तैयार किया है. बता दें कि इस कार में 100 किलो तक का वजन आराम से उठाने के लिए 1 किलो वाट की बैटरी का उपयोग किया गया है. जिन छात्रों ने इस कार को बनाया है उन्होंने कहा है कि इस कार को बनाने में उनका कुल खर्च ₹80,000 हुआ है. यह कार उन्होंने इलेक्ट्रिक ब्रांच के Department की सहायता लेकर बनाई है.
100 किलो तक का उठा सकती है वजन
छात्रों ने बताया है कि फिलहाल इस कार में और काम होना है जिसके बाद यह कार बाकी कारों की तरह दिखना और काम करना शुरू कर देगी. छात्र शशांक जोकि इस इलेक्ट्रिक कार को बनाने वाली टीम का हिस्सा हैं उन्होंने बताया कि उन्होंने इस कार को बनाने का फैसला पेट्रोल और डीजल की बढ़ती हुई कीमतों की वजह से किया था. फिलहाल यह इलेक्ट्रिक कार एक Single Passenger कार है जिसकी Speed 45 किलोमीटर प्रति घंटे तक की है. यह कार आराम से 100 किलो तक का वजन उठा सकती है. छात्रों का कहना है कि आने वाले समय में इस कार को और Modify किया जाएगा और लोगों के लिए यह कार काफी किफायती साबित होगी.
भविष्य में काफी कारगर साबित होगी यह इलेक्ट्रिक कार
सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों में Talent की कमी नहीं है बस उस Talent को खोज निकालने की जरूरत है. यदि कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा तो वह दुनियाभर में भारत का नाम रोशन कर सकते हैं. इलेक्ट्रिक ब्रांच के प्रमुख अखिलेश सिंह ने कहा है कि यह इलेक्ट्रिक कार भविष्य में लोगों के लिए काफी बचत वाली कार साबित होगी जिसको Modify करने के बाद लोग इसको अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना पाएंगे. यह कार पर्यावरण पर हो रहे दुष्प्रभावों में भी कमी लाएगी. साथ ही लोग इसको अपने बजट में खरीद पाएंगे.