अब बारिश बढ़ाएगी महंगाई, किसानों के साथ अब आपके भी निकलने वाले है आंसू
Agriculture News :- इस बार मार्च महीने में भी मानो सावन की झड़ी लगी हुई है. बारिश रुक-रुक कर आ रही है और थमने का नाम ही नहीं ले रही है. इस बिना मौसम की बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के साथ-साथ सरकार को भी चिंता में डाल दिया है. हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में रबी के साथ-साथ बागवानी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं बता दें कि मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि 1 अप्रैल तक उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में गरज के साथ भारी बारिश होने की संभावना है. ऐसे में फसल खराब की संभावना और भी बढ़ गई है.
50 फीसदी गेहूं की फसल हुई खराब
जानकारी के मुताबिक, बारिश ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में लाखों हेक्टेयर की फसल बर्बाद करके तबाही मचा दी है. पंजाब में बारिश ने औसतन 25 से 50 फ़ीसदी तक गेहूं की फसल बर्बाद कर दी है तो कई जिलों में 75 फ़ीसदी से भी अधिक रबी फसल का नुकसान हो गया है. हरियाणा में भी कई जिलों में 50 फ़ीसदी से अधिक गेहूं की फसल खराब हो गई है.
गेहूं उत्पादन का तय लक्ष्य नहीं हो सका पूरा
केंद्र सरकार द्वारा भी यही जानकारी दी गई है कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं का उत्पादन प्रभावित होगा. केंद्र सरकार ने अनुमान द्वारा बताया है कि 2022-23 में 10 लाख टन गेहूं का उत्पादन कम होगा, जबकि सरकार ने इस सीजन के लिए 112.18 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य तय किया था. इससे तय हो गया है कि आने वाले दिनों में गेहूं की क़ीमत बढ़ जाएगी. जिसे खाने- पीने की चीजें भी महंगी मिलेंगी.
गेहूं के साथ खाद्य तेल और सब्जियां भी होंगी महंगी
जैसा कि सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक गेहूं का उत्पादन पंजाब में ही किया जाता है. दूसरे नंबर पर गेहूं की खेती करने में हरियाणा आता है. इन दोनों राज्यों में 50 फ़ीसदी तक गेहूं की फसल खराब हो गई है, तो उत्पादन मे कमी आना स्वभाविक है. उधर लोगों को लग रहा है कि बाजार में गेहूं की नई फसल आने के बाद कीमत में कुछ कमी आएगी, लेकिन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने उनकी सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. अनुमान से यही लगता है गेहूं की कीमत में कमी आने की बजाय बढ़ोतरी देखी जाएगी. इसके अलावा खाद्य तेल और हरी सब्जियां भी महंगे होने के आसार नजर आ रहे हैं. राजस्थान में सरसों की सबसे अधिक खेती की जाती हैं. यहां पर बारिश से गेहूं के साथ- साथ सरसों की फसल भी नष्ट हुई है तो फिर ऐसे में खाद्य तेल की कीमत में इजाफा होना भी स्वाभाविक है.
सब्जियां भी नहीं झेल पायी बारिश की मार
बता दे कि ओलावृष्टि के कारण टमाटर, लौकी, बैंगन, हरी मिर्च और शिमला मिर्च सहित कई तरह की सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है. अप्रैल-मई के दौरान बाजार में आने वाली भिंडी की फसल बारिश से पूरी तरह नष्ट हो गई है. इसके आधार पर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में टमाटर के साथ-साथ सभी हरी सब्जियां भी महंगी हो जाएंगी. टमाटर के दाम ₹60 किलो के पार पहुंच सकते है क्योंकि टमाटर के पौधे पानी की मार बहुत ही कम झेल पाते हैं. अधिक पानी से टमाटर खराब हो जाते हैं.
दिल्ली में 2500 रूपये प्रति क्विंटल हुआ गेहूं
बता दे कि जनवरी के महीने में गेहूं की कीमत में बढ़ गई थी. जिसके कारण 28 से ₹30 किलो बिकने वाला आटे की क़ीमत 35 से ₹40 किलो हो गयी थी. इससे खाने पीने की चीजें की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई थी. केंद्र सरकार को महंगाई कम करने के लिए खुद ई – नीलामी के द्वारा खुदरा मार्केट में गेहूं बेचना पड़ गया था. इसके द्वारा केंद्र सरकार 45 लाख टन से अधिक गेहूं बाजार में बेच चुकी है. उस समय कीमत में कुछ कमी आ गई थी, लेकिन दिल्ली में एक बार फिर से कीमत में बढ़ोतरी देखी गई है. दिल्ली में गेहूं की कीमत एक महीने पहले 2400 रूपये क्विंटल थी, जो अब बढ़कर ₹2500 पहुंच गई है.
आम और लीची भी मिलेंगे महंगे
महाराष्ट्र में अल्फाँसो आम को लू और अधिक गर्मी ने 70 प्रतिशत तक नष्ट कर दिया है. इसी तरह से बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में तेज आंधी के साथ बारिश ने आम और लीची की फसल को नष्ट कर दिया है. आम के टिकोले तेज आंधी की वजह से पेड़ से गिरकर नष्ट हो गए है. यही हाल लीची का भी है. ऐसे में एक बार लीची के साथ-साथ आम भी महंगे होने की संभावना है.